सुरेंद्र कुमार – संवाददाता
आज हम आपको एक ऐसे युवा उधमी की कहानी बताने जा रहे हैं जिन्होंने मात्र 7 साल के दर्मिया ही अपने सपनो को साकार कर दिखाया ये कहानी एक छोटे से गाँव के नौजवान की हैं जिसने मात्र एक वर्ष की उम्र में ही अपने पिता को खो दिया था आज हम बात करने जा रहे हैं दीपक भाटी की दीपक वैसे तो ग्रेटर नौएडा के गाँव डाढा से हैं लेकिन इन्होने अपने सपनो को पूरा करने के लिए 7 साल पहले गाँव छोड़ दिया और जयपुर का रुख कर लिया दीपक का जयपुर का सफर आसान नहीं था कुछ समय में ही दीपक एक नामी कॉफ़ी शॉप में काम करने लगे लेकिन दीपक इतने में कहा मानने वाले थे दीपक ने कड़ी मेहनत की बदौलत 2 साल में ही जयपुर में उसी कॉफ़ी शॉप को ख़रीद लिया जिसमे वह काम करते थे और काफी युवाओं को रोजगार देने लगे लेकिन घर से भाइयों का फ़ोन आता तो अक्सर दीपक को वापस आने को कहते क्युकी दीपक के पिता जमींदार थे काफी जमीन थी उनके पास लेकिन दीपक कुछ अलग ही था दीपक ने अपने सपनो को पूरा करने के लिए सबसे पहले अपना कम्फर्ट जॉन छोड़ा जो उन्हें अपने सपनो को पूरा करने में आड़े आता था और दीपक ने कड़ी मेहनत के बदौलत अपने सपनो को पूरा कर ही लिया आपको बता दे आज दीपक के जयपूर में काफी होटल हैं और साथ ही जयपुर में इनका एक खुद का ब्रांड किक एंड चिक जिस पर फास्ट फूड मिलता है बड़े-बड़े मॉल्स बड़े-बड़े होटल्स में इनकी फ्रेंचाइजी है इनके जयपुर में करीब खुद के 10 से ऊपर
यूनिट रनिंग कर रहे हैं आपको बता दे दीपक की शादी 2013 में ही दिल्ली में हो गयी थी और इनके दो बड़े भाई अभी ग्रेटर नौएडा में ही रहते हैं दीपक भाटी की कहानी काफी प्रेरणा देने वाली हैं उन युवाओ को जो अपने कम्फर्ट जॉन में जकड़े हुए हैं वे कुछ करना तो चाहते हैं पर उससे बाहर नहीं निकलना चाहते अपने सपनो को पूरा करने के लिए खुद से ही लड़ना पड़ता हैं तपना पड़ता हैं तभी मनुष्य का जीवन सार्थक हो पता हैं !
अनिल कुमार
संपादक सुनो भारत +91 9899883694