आज गौ सेवा धाम हॉस्पिटल में धूम धाम से मनाया गया गोपाष्टमी का पर्व ,

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गोपाष्टमी के पर्व पर बीमार गायों को खिलाया गया मीठा दलिया


कोटवन – कर्मन बॉर्डर पर स्थित गौ सेवा धाम हॉस्पिटल में सोमवार को गोपाष्टमी का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया गया.
ट्रस्ट के महासचिव प्रत्यक्ष शर्मा जी ने जानकारी देते हुए बताया कि पुराणों के अनुसार कार्तिक शुक्ल अष्टमी के दिन मां यशोदा ने भगवान श्री कृष्ण को गौ चराने के लिए जंगल भेजा था, भगवान श्री कृष्ण गौ माता से अत्यधिक स्नेह करते थे, उनकी सेवा करते थे, उनकी रक्षा करते थे, इसीलिए भगवान श्री कृष्ण का नाम गोपाल पड़ा, मान्यता है कि कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से सप्तमी तक गो-गोप-गोपियों की रक्षा के लिए भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को धारण किया था, और आठवें दिन इन्द्र का अहंकार चकनाचूर हो गया..और वो भगवान श्रीकृष्ण की शरण में आये, कामधेनु ने श्रीकृष्ण का अभिषेक किया और उसी दिन से भगवान श्री कृष्ण का एक अन्य नाम गोविन्द पड़ा, इसलिए प्राचीन समय से कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को गोपाष्टमी का पर्व मनाया जाने लगा, जो कि अब तक चला आ रहा है,

गोपाष्टमी के शुभ अवसर पर गौ सेवा धाम में प्रात काल  में गौओं और उनके बछड़ो को स्नान कराकर
गोसंवर्धन के लिए बछड़े सहित गाय का पूजन किया गया
और गौ माताओं के लिए मीठा दलिया, हलवा, गुड, हरा चारा, व स्वादिष्ट व्यंजनों से विशाल भंडारा किया गया, इस अवसर पर दूरदराज से आए गौ भक्त गौ रक्षक व समस्त गोपालकों के लिए भी भंडारा प्रसाद का आयोजन किया गया !

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